हर टूटन एक नई शुरुआत है, और हर अंत में छिपी होती है सच्चाई की एक किरण – यही है ‘सत्या’। ‘ सत्या: एक सोच ’ केवल एक किताब नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों से निकली एक सच्ची पुकार है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन में किसी दुख, हानि या आत्म-संदेह से गुज़रे हैं। यह उन भावनाओं को समझती है जिनके बारे में लोग अक्सर बात नहीं करते – अंदरूनी टूटन, आत्मविश्वास की कमी और प्रियजनों को खोने का दर्द । लेखिका माया एस एच ने इस पुस्तक के माध्यम से छोटे-छोटे प्रेरक विचारों, उद्धरणों और सच्ची घटनाओं के ज़रिए पाठकों को न केवल जीवन से जोड़ने का प्रयास किया है, बल्कि उन्हें आत्म-स्वीकृति और आत्म-प्रेम की ओर प्रेरित किया है। ✨ क्या खास है 'सत्या' में? 1. हर शब्द में अनुभवों की गहराई यह किताब आपको ऐसे शब्द देती है जो सिर्फ पढ़े नहीं जाते – महसूस किए जाते हैं । हर विचार, हर उदाहरण पाठकों को यह एहसास दिलाता है कि वे अकेले नहीं हैं। 2. प्रेरणा के बीज बोती हर पंक्ति कई बार जीवन हमें मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है जहाँ सिर्फ अंधेरा दिखता है। ‘सत्या’ उस अंधेरे में प्रेरणा का एक दीपक जलाती ...